मेरे मिशनरी मित्र आयु. गोपिचंद्र महादेव मून केंद्र सरकार की वरिष्ठ क्लास- । अधिकारी के पद पर कार्यरत रहते हुए भी वह फुले-शाहू- आंबेडकरी सामाजिक परिवर्तन आंदोलन के मान्यवर व्यक्तिमत्व । वास्तव मे मान्य. कांशीरामजी के सहवास के कारण धन्य हुआ व्यक्तिमत्व। आयु. जी.एम. मून यह कुल मिलाकर सभी परिवर्तनवादी, बुध्दीवादी, मानवतावादी और विज्ञानवादी विचारधारा पर अखंड निष्ठा, समर्पित कार्यकर्ता, समतोल विचारधारा के पुरस्कर्ता और ध्येयवादी लेखक के रुप मे परिचित है। उन्होंने अभितक `धम्मानुगामी कांशी-माया,` `संविधान का पालन करना, देश सेवा करने का यही एक मात्र उपाय है`, `बहुजन महापुरुषों की प्रसार प्रचार के माध्यम`, `डॉ. आंबेडकर संविधान, ब्रिटिश और काँग्रेसी षडयंत्र`, `विजयी आंबेडकर` नामक हिन्दी मे सात अंकोवाला नाटक `आंदोलनकारी कांशीराम और उनका धम्म आंदोलन` ऐसी पांच मौलिक पुस्तकों का लिखान किया है। इन सभी पुस्तकों के शिर्षकों पर अगर नजर डाली जाय तो इस लेखक का वैचारिक घराणा समझ मे आता है। `आंदोलनकारी कांशीराम- और उनका जीवन संघर्ष` नामक इस ग्रंथ का जन्म प्रयोजन बहुत ही अलग तरीके का है। बहुजन महानायक मान्य. कांशीरामजी के प्रेरणादायी जीवन के चलचित्रपट को ही आयु. जी. एम. मून साहाब ने इस ग्रंथ मे अभ्यासपूर्ण तरीके से साकार किया है।
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